आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
शिवाष्टक स्तोत्र का shiv chalisa lyrics in hindi pdf पाठ करने के फायदे
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥